सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर उनके क्रांतिकारी विचार, जिससे पढ़कर शरीर और आत्मा में जोश भर जाएगा।

Haridwar/ Tushar Gupta

भाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा प्रांत में कटक में हुआ था। उनके पिता जानकी दास बोस एक प्रसिद्ध वकील थे। प्रारम्भिक शिक्षा कटक में प्राप्त करने के बाद यह कलकता में उच्च शिक्षा के लिये गये। आईसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण करके इन्होंने अपनी योग्यता का परिचय दिया। देश के लिये अटूट प्रेम के कारण यह अंग्रेजों की नौकरी नहीं कर सके। बंगाल के देशभक्त चितरंजन दास की प्ररेणा से यह राजनीति में आये। गाँधी जी के साथ असहयोग आन्दोलन में भाग लेकर यह जेल भी गये। 1939 में यह कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। लेकिन कांग्रेस और गाँधी जी के अहिंसावादी विचार इनके क्रान्तिकारी विचारों से मेल नहीं खाते थे इसलिए इन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। तत्पश्चात सुभाष जी ने फारवर्ड ब्लाक की स्थापना की। उन्होंने पूर्ण स्वराज्य का लक्ष्य रखा। उनका नारा था ‘जय हिन्द’। पूर्ण स्वराज का आशय भारतीय संस्कारों से आप्लावित राज्य।

1.”तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा.\

2.”याद रखिए सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है.”

3.”ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं. हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिले, हमारे अंदर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए.”

4.”सफलता, हमेशा असफलता के स्‍तंभ पर खड़ी होती है.”

5.”एक सैनिक के रूप में आपको हमेशा तीन आदर्शों को संजोना और उन पर जीना होगा: सच्चाई, कर्तव्य और बलिदान. जो सिपाही हमेशा अपने देश के प्रति वफादार रहता है, जो हमेशा अपना जीवन बलिदान करने को तैयार रहता है, वो अजेय है. अगर तुम भी अजेय बनना चाहते हो तो इन तीन आदर्शों को अपने ह्रदय में समाहित कर लो.”

6.”जिस व्यक्ति के अंदर ‘सनक’ नहीं होती वो कभी महान नहीं बन सकता. लेकिन उसके अंदर, इसके आलावा भी कुछ और होना चाहिए.”

7.”मेरा अनुभव है कि हमेशा आशा की कोई न कोई किरण आती है, जो हमें जीवन से दूर भटकने नहीं देती.”

8.”जो अपनी ताकत पर भरोसा करते हैं, वो आगे बढ़ते हैं और उधार की ताकत वाले घायल हो जाते हैं.”

9.”हमारा सफर कितना ही भयानक, कष्टदायी और बदतर हो, लेकिन हमें आगे बढ़ते रहना ही है. सफलता का दिन दूर हो सकता हैं, लेकिन उसका आना अनिवार्य ही है.”

10.”मां का प्यार सबसे गहरा होता है- स्वार्थरहित. इसको किसी भी तरह से मापा नहीं जा सकता.”

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