किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी बनी लक्ष्मी नारायणनंद गिरी। जानिए…

सुमित यशकल्याण

हरिद्वार। कुम्भ 2021 की समाप्ति के बाद जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी ने ने बड़ा कदम उठाते हुए किन्नर अखाडा के आचार्य महामंडलेश्वर सहित कई सदस्यों को जूना अखाड़े के संरक्षक हरिगिरि के शिष्य के रूप में दिक्षा दिलाई। दीक्षा का यह कार्यक्रम बेहद गोपनीय रखा गया। दीक्षा कार्यक्रम से पहले या बाद में भी किसी को इस अनुष्ठान के विषय मे नही बताया गया।

आपको बताते चले कि कुम्भ 2021 में अपना पहला कुम्भ स्नान करने वाले किन्नर अखाड़ा, पूरे कुम्भ में हर किसी के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना रहा। जूना अखाड़े के द्वारा इसे अपने साथ कुम्भ स्नान कराया गया हालांकि किन्नर अखाड़े के अस्तित्व को लेकर कई बार सवाल भी उठे लेकिन जूना अखाड़े के संरक्षक औऱ अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरि ने सभी को शांत कराया। कुम्भ समाप्ति के बाद हरिगिरि महाराज ने एक कदम ओर आगे बढ़ते हुए किन्नर अखाडे के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को उनके सहयोगी किन्नरों को अपने शिष्य के रूप में जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी से सन्यास दीक्षा दिलाई। सन्यास दीक्षा का यह अनुष्ठान बेहद गुप्त रूप से आयोजित किया गया जिसके विषय में किसी बाहरी व्यक्ति को कोई भी जानकारी नही दी गई। किन्नर अखाडे को सन्यास दीक्षा दिए जाने के बाद किन्नर अखाडे का अस्तित्व कैसा रहेगा यह कहना तो अभी मुश्किल है पर यह है कि किन्नर अखाडे की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी अब अपने साथियों के साथ जूना अखाड़े के संरक्षक हरिगिरि की शिष्या तो जरूर हो गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!