स्व. चौधरी अजित सिंह की दिवंगत आत्मा की शांति के लिये हरिद्वार में हुए यज्ञ, भावभीनी श्रद्धांजलि

सुमित यशकल्याण

हरिद्वार। आज इंद्रलोक कालोनी में किसानों के मसीहा और उनके शुभचिंतक स्व0 चौ0 अजीतसिंह जी की रस्म तेहरवीं पर उनकी आत्मा की शांति के लिए विशेष मन्त्रो से आहुति देकर सामुदायिक केंद्र इन्द्रलोक में चौ0 देवपाल सिंह राठी के नेतृत्व में सामूहिक वैदिक यज्ञ किया गया।


यज्ञ में श्री मनवीर सिंह सिरोही,प्रभात कौशिक,योगेन्द्र सिंह राणा,अनुपम वर्धन,नरेन्द्र सिंह तेवतिया,देवपाल सिंह राठी सम्मलित रहे।
इस अवसर पर चौ0 देवपाल सिंह राठी (अध्यक्ष) ने कहा कि चौ0 अजित सिंह जी हमेशा किसनो, मजदूरों,बुनकरों,छोटे उधोगो के लिए चिंतित रहते थे।


वे अपने समय के भारत के पहले कम्प्यूटर वैज्ञानिक थे जिस समय कोई इसके बारे में जनता भी नही था जब वह अमरीका मे कॉर्पोरेट जगत् के साथ कार्य कर रहे थे।इसे लेकर एक बार चौ0 अजीतसिंह जी के लिए रतन टाटा जी ने कहा था कि यदि चौ0 अजित सिंह जी राजनीति में नही आते तो वो आज भारत के सबसे बड़े उधोगपति होते।
चौ0 अजित सिंह जी जब विश्वनाथ प्रताप सिंह जी के प्रधानमंत्री काल मे देश के उधोग मंत्री बने तो वो देश के लिए नई ओधोगिक नीति लेकर आये लेकिन उनकी अपनी पार्टी के नेताओ और मंत्रियो ने उस नई उधोगनीति का विरोध शुरू कर दिया जिसके कारण आपको वह उधोगनीति वापस लेनी पड़ी जिसे लागू नही कर पाए लेकिन वही उधोगनीति जब श्री नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री बने तो सरदार मनमोहन सिंह जी वित्तमन्त्री बने उनकी सलाह से चौ0 अजीतसिंह जी की बनाई उधोगनीति को उन्होंने देश मे लागू किया।
चौ0 अजीतसिंह जी एक 1986 में राज्यसभा सदस्य व सात बार लोकसभा सांसद रहे,आपने समय समय पर अलग अलग मन्त्रालयो में उधोगमन्त्री,कृषिमंत्री,खाद्य व रसद मंत्री,कृषि मंत्री व उड्डयन मंत्री के रूप में कार्य किया।
आप हमेशा किसनो के लिए चिंतित रहते थे लेकिन आप कोरोना से संघर्ष करते हुए गुरुग्राम के एक निजी हॉस्पिटल में 6-5-20221 को 8.20 पर अंतिम सांस के साथ छोड़कर चले गए।
अनुपम वर्धन जी ने कहा कि चौ0 अजीतसिंह हर किसान व गरीब के दिल की धड़कन थे वे जीवन भर ईमानदारी के साथ स्व0 चौधरी चरण सिंह जी की नीतियों का ईमानदारी के साथ निर्वहन करते रहे उन्हों कुछ समय पहले बुढ़ाना मु0 नगर बैठक में कहा था मैं आपसे (किसानो) से मिलने आया हूँ आपने चुनाव में बहुत मेहनत की हार जीत होती रहती है लेकिन हमारे सम्बन्ध कायम रहने चाहिए अब मुझे राजनीति की आवश्यकता भी नही लेकिन आप से मिलकर मुझे अच्छा लगता है ऐसे थे चौ0 अजीतसिंह जी उन्हें हमारा नमन।
अन्त में सभी ने गायत्री मंत्र का उच्चारण कर दो मिनट का मौन रख भावभिनि श्रद्धाजंलि अर्पित कर शांति पाठ किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!