पर्यावरण दिवस के मौके पर ऋषिकुल में इंडियन रेडक्रास ने वृक्षारोपण कर किया गोष्ठी का आयोजन, जानिए

सुमित यशकल्याण

हरिद्वार। विश्व पर्यावरण दिवस पर ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में वृहद वृक्षारोपरण एवं संगोष्ठी का आयोजन ।

महामहिम राज्यपाल उत्तराखण्ड श्रीमती बेबी रानी मौर्य के मुख्य निर्देशन जिलाधिकारी/अध्यक्ष इण्डियन रेडक्रास सी0रविशंकर एवं कुलपति उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रो0डा0 सुनील कुमार जोशी के निर्देशन तथा रेडक्रास सचिव / प्रोफेसर डा0 नरेश चौधरी के संयोजन में इण्डियन रेडक्रास के तत्वाधान में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में एक वृहद वृक्षारोपण एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें कोविड-19 गाईडलाइन का पालन करते हुए सामाजिक दूरी बनाते हुए रेडक्रास स्वयंसेवक एवं ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के पी0जी0 स्कालरस ने प्रतिभाग किया। संगोष्ठी में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश महामंत्री श्रीमती अन्नु कक्कड ने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी ने जनमानस को महसूस करा दिया है कि वातावरण में आक्सीजन कितनी महत्वपूर्ण है और आक्सीजन के संतुलन को बनाये रखने के लिए प्रकृति तथा पर्यावरण का संरक्षण आवश्यक है इसी को मद्देनजर रखते हुए प्रत्येक नागरिक को कम से कम 10 पौधे अवश्य रोपित करने चाहिए। अन्नु कक्कड ने कहा कि पौधा रोपण के बाद उसके वृक्ष बनने तक पौधे की सिंचाई एवं सुरक्षा वृक्षारोपणकर्ता को स्वयं करनी होगी तभी वृक्षारोपण सही मायने में सफल होगा। रेडक्रास सचिव डा0 नरेश चौधरी ने कहा कि मानव एवं प्रकृति एक दूसरे के पूरक है और हम परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से प्रकृति पर आश्रित हैं प्रकृति के बिना हमारा अस्तित्व सम्भव नहीं है। प्रकृति का संरक्षण हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग है। धरती को हरा भरा रखने एवं पर्यावरण संवर्धन के प्रति जनसमाज को जागरूक होकर वातावरण को शुद्ध करने के लिये अधिक से अधिक पौधारोपण करना चाहिए।

डा0 नरेश चौधरी ने कहा कि इस वर्ष पर्यावरण दिवस पर जनसमाज स्वतः ही जागरूक है कि कोविड-19 जैसी वैश्विक बीमारियों से बचाव के लिये पर्यावरण में वृक्षों का कितना महत्व है। मानव जीवन को सतत स्वस्थ्य और सुखी बनाने के लिये प्रकृति एवं पर्यावरण के लिये अधिक से अधिक औषधीय ,छायादार, फलदार वृक्ष लगाने चाहिए। संगोष्ठी में धरती का सच्चा धन चौडी पत्ते वाले वन शीर्षक पर वक्ताओं ने विशेष रूप से अपने अपने व्याख्यान देते हुए कहा कि आज के परिपेक्ष्य में पीपल,नीम,जामुन,बरगद, आदि वृक्ष लगाने से जीवन देने के लिये अनमेाल आक्सीजन मिलती है, आक्सीजन के बिना प्राणियों का जीवन सम्भव नहीं है साथ ही साथ पेड-पौधों से हमें ताजगी एवं सुकून मिलता है और पेड-पौधे ही वैश्विक तापमान वृद्धि को कम करते हैं तथा वायु एवं जल प्रदूषण को भी नियंत्रित करते है। इसलिये हमें शीर्षक-धरती का सच्चा धन, चौडी पत्ते वाले वन के महत्व को समझते हुए प्रत्येक जनमानस को पौधारोपण कर उनको बच्चों की तरह दैनिक देखभाल करने के लिये अपनी दिनचर्या में सम्मिलित करें।

संगोष्ठी के पूर्व समाजसेवी श्रीमती अन्नु कक्क्ड (प्रदेश महामंत्री,भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा) ने कनखल मण्डल अध्यक्ष मनोज वर्मा के साथ कोविड-19 महामारी में समर्पित भावना से उत्कृष्ठ कार्य करने के लिये रेडक्रास सचिव / विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डा0 नरेश चौधरी को विशेष रूप से सम्मानित भी किया एवं रेडक्रास स्वयं सेवकों के साथ पौधारोपण भी किया। कार्यक्रम में डा0 अवधेश, डा0 भावना, डा0 अंजलि, डा0 वैशाली, डा0 रोहित, डा0 मनीष, डा0 स्वपनिल, डा0 उर्मिला पाण्डेय, विकास देशवाल, कमल गुजराल, पूनम, शैलजा, सतेन्द्र सिंह नेगी, विजयपाल, अंकित कुमार आदि ने सक्रिय सहभागिता की।

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