कुम्भ मेला का आकर्षण, महामंडलेश्वर उमाकांतानन्द सरस्वती के आश्रम में करे शास्वत महादेव व दक्षिणेश्वर काली के दर्शन

Haridwar/Tushar Gupta

हरिद्वार। कुंभ नगरी हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को बाबा केदारनाथ और दक्षिणेश्वर काली के एक साथ दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। उत्तरी हरिद्वार के भारत माता पूरम में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर उमाकांतानंद सरस्वती महाराज के पावन सानिध्य में भगवान शिव और दक्षिणेश्वर काली मां की पूजा का नियमित कार्यक्रम चल रहा है।


बताते चलें कि जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर डा. स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती महाराज द्वारा शाश्वतम् फाउन्डेशन, माॅरीशस डिवाइन श्री राम इन्टरनेशनल चैरिटेबिल ट्रस्ट की ओर से महाकुंभ 2021 के पहले शाही स्नान शिवरात्रि स्नान से भारत माता पुरम भूपतवाला में निर्माणाधीन आश्रम में भगवान शिव और दक्षिणेश्वर काली माता की स्थापना की गई है। जिसमें काशी के विद्वान पंडितों से नियमित भगवान शिव का रूद्राभिषेक और शतचण्डी यज्ञ कराया जा रहा है। ऐसा आयोजन पूरे कुंभ में कही भी देखने को नहीं मिलेगा। इस आयोजन की खास बात यह है कि इसमें मुम्बई से आये कलाकारों द्वारा प्रतिदिन सायं 7 से 8 बजे तक भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है। महामंडलेश्वर स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती ने कहा कि करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र कुंभ का पर्व है। इस पर्व में सभी वर्ग के लोग गंगा स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं।

12 साल के बाद आयोजित होने वाला कुंभ महापर्व एकमात्र ऐसा पर्व है जिस पर पूरी दुनिया की नजर लगी रहती है। उत्तराखंड सरकार कुंभ की व्यवस्था कराने में पूरी तरह से फेल साबित हुई। कुंभ का पैसा बंदरबांट की भेंट चढ़ गया। इसके परिणाम स्वरूप कुंभ के बीच में ही सीएम को अपने पद से हाथ धेना पड़ा। उन्होंने कहा कि आगामी 16 अप्रैल से लेकर 24 अप्रैल तक श्री राम कथा का आयोजन भी किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि संतों ने सरकार बनाने को लेकर भाजपा का समर्थन किया था लेकिन कुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर संत खासे नाराज चल रहे थे, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महेंद्र नरेंद्र गिरी ने कई बार सरकार से कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए शिविर आदि लगाने का अनुरोध किया था जिसे सरकार ने नकार दिया था, करुणा के नाम पर सरकार कुंभ को टालने का प्रयास कर रही थी सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा था। आखिरकार संतो के विरोध के चलते ही उत्तराखंड के सीएम को अपने पद से हाथ धेना पड़ा है, उन्होंने कहा नए सीएम से संतो को आशा जगी है उम्मीद है कि नए सीएम के नेतृत्व में भव्य और दिव्य कुंभ का आयोजन होगा|

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