निर्मल पंचायती अखाड़े की छवि धूमिल करने और कुंभ का माहौल बिगाड़ने में लगे हैं कुछ असामाजिक तत्व -महन्त जसविंदर सिंह

हरिद्वार/सुमित यशकल्याण


हरिद्वार।श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा के कोठारी महन्त जसवंत सिंह महाराज ने कहा कि कुछ फर्जी साधु अखाड़ा और निर्मल बैंक की छवि खराब करने में लगे हैं और कुंभ के माहौल को खराब करने की साजिश रच रहे हैं जिनके असामाजिक तत्वों से संबंध हैं जहां कुंभ मेला प्रशासन और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने में लगा है वही कुछ गलत तत्व माहौल बिगाड़ने में लगे हैं जिनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
वे आज श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेश के अनुसार श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा और निर्मल भेख की बैठक करने का अधिकार केवल अखाड़े के श्री महंत ज्ञानदेव सिंह जी महाराज को है जो 1993 से लगातार अखाड़े के श्री महंत पद पर विराजमान है जो लोग निर्मल अखाड़ा या भेख के नाम पर बैठक कर रहे हैं वे न्यायालय के आदेश की अवमानना कर रहे हैं उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।


उन्होंने कहा कि जगजीत सिंह, रेशम सिंह ,प्रेम सिंह आदि का निर्मल भेख और निर्मल पंचायती अखाड़ा ने समाज से बहिष्कार कर रखा है और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी इनका सामाजिक बहिष्कार किया हुआ है ऐसे में यह अखाड़े के नाम पर या साधु के नाम पर बैठक बुलाकर भ्रम फैला रहे हैं उन्होंने कहा कि निर्मल अखाड़ा और अखाड़ा परिषद ने जगजीत सिंह, रेशम सिंह प्रेम सिंह सहित कई लोगों को समाज से बहिष्कृत किया हुआ है इनका साधु समाज से कोई लेना-देना नहीं है उन्होंने कहा कि जो निर्मल भेख के होने का दावा कर रहे हैं वह निर्मल अखाड़े की वर्किंग कमेटी और जनरल कमेटी के सदस्य तक नहीं है उन्होंने कहा कि वेदांताचार्य ज्ञानदेव सिंह महाराज श्री महंत और निर्मल भेख के अध्यक्ष पद पर विराजमान है उनके अलावा अखाड़ा का कोई श्री महन्त या निर्मल भेद का अध्यक्ष नहीं है।


कोठारी महन्त जसविंदर जी महाराज ने कहा कि इन लोगों ने पहले भी अखाड़े की संपत्ति को खुर्द बुर्द करने का प्रयास किया और अभी यह कुंभ मेले के समय अखाड़े की संपत्ति को खुर्द बुर्द करने की साजिश रच रहे हैं इनकी साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा ।मेला प्रशासन और जिला प्रशासन को इन की कारगुजारियों के बारे में बताया जाएगा। यह संत के नाम पर समाज से धोखाधड़ी कर रहे हैं और संत समाज की छवि खराब कर रहे हैं। और यह लोग निर्मल पंचायती अखाड़ा के कोई पदाधिकारी नहीं है ।यह सब फर्जी पदाधिकारी बने हुए हैं ।श्री महन्त ज्ञानदेव सिंह जी 1993 से अखाड़ा के श्री महन्त और निर्मल बैंक के अध्यक्ष पद पर आसीन हैं।

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